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विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप: टेस्ट क्रिकेट को नई पहचान
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता है, जिसका उद्देश्य टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ टीम को एक आधिकारिक खिताब देना है। यह प्रतियोगिता पारंपरिक टेस्ट क्रिकेट को नया जीवन देने और उसे एक वैश्विक प्रतियोगिता का रूप देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। आधुनिक युग में, जब एकदिवसीय (ODI) और टी20 क्रिकेट ने अधिक लोकप्रियता प्राप्त कर ली है, ऐसे समय में WTC ने टेस्ट क्रिकेट को एक नया आयाम प्रदान किया है।
पृष्ठभूमि और आरंभ
टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 1877 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई थी। इसे क्रिकेट का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित प्रारूप माना जाता है। जैसे-जैसे समय बीतता गया, भारत, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, न्यूज़ीलैंड, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और आयरलैंड जैसी टीमें भी टेस्ट खेलने लगीं।
लेकिन, तेज़ी से बदलती दुनिया और दर्शकों की रूचि के कारण सीमित ओवरों के क्रिकेट (ODI और T20) ने टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता को चुनौती दी। ICC ने महसूस किया कि टेस्ट क्रिकेट को बचाने और उसे प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एक ऐसा ढांचा चाहिए, जिससे हर सीरीज़ का कोई मतलब हो। इसी उद्देश्य से विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की अवधारणा सामने आई।
संरचना और प्रारूप
WTC में नौ शीर्ष टेस्ट टीमें भाग लेती हैं। प्रत्येक टीम को दो साल की अवधि में छह टेस्ट सीरीज़ खेलनी होती है — तीन घरेलू और तीन विदेशी। एक सीरीज़ में 2 से 5 मैच हो सकते हैं।
पहले संस्करण (2019–2021) में हर सीरीज़ के लिए 120 अंक निर्धारित किए गए थे, जो मैचों की संख्या के अनुसार बांटे जाते थे।
दूसरे संस्करण (2021–2023) से, अंक प्रणाली को सरल किया गया। प्रत्येक जीत पर 12 अंक, ड्रॉ पर 4, और टाई पर 6 अंक मिलते हैं।
अंत में, अंक प्रतिशत (PCT - Points Percentage) के आधार पर शीर्ष दो टीमें फाइनल में पहुंचती हैं।
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WTC 2019–2021: पहला संस्करण
पहले WTC का आयोजन अगस्त 2019 से जून 2021 तक हुआ। इस दौरान भारत और न्यूजीलैंड शीर्ष दो टीम बनकर उभरे। फाइनल साउथैम्पटन, इंग्लैंड में खेला गया। बारिश से प्रभावित मैच में न्यूजीलैंड ने भारत को 8 विकेट से हराकर पहला WTC खिताब अपने नाम किया।
यह न्यूजीलैंड के लिए एक ऐतिहासिक जीत थी। कप्तान केन विलियमसन के नेतृत्व में टीम ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की।
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WTC 2021–2023: ऑस्ट्रेलिया की बारी
दूसरा संस्करण अगस्त 2021 से मार्च 2023 तक चला। इस बार ऑस्ट्रेलिया ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। भारत फिर से फाइनल में पहुंचा।
फाइनल जून 2023 में द ओवल, लंदन में हुआ, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 209 रन से हराकर खिताब जीत लिया। ट्रैविस हेड की शानदार शतकीय पारी और पैट कमिंस की कप्तानी ने टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
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महत्त्व और प्रभाव
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप ने टेस्ट क्रिकेट को कई तरह से नया जीवन दिया है:
1. प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ा: हर मैच और सीरीज़ अब मायने रखती है। इससे खिलाड़ियों का समर्पण और प्रशंसकों की रुचि दोनों बढ़े हैं।
2. हर देश को लक्ष्य मिला: अब केवल द्विपक्षीय सम्मान नहीं, बल्कि एक वैश्विक खिताब दांव पर होता है।
3. नवोदित टीमों को अवसर: अफगानिस्तान और आयरलैंड जैसी नई टेस्ट टीमों को भी भविष्य में इस मंच पर खेलने का मौका मिल सकता है।
4. प्रशंसकों की रुचि: रोमांचक पॉइंट टेबल और फाइनल मुकाबले ने टेस्ट क्रिकेट को फिर से चर्चा में ला दिया।
आलोचना और चुनौतियाँ
हालांकि WTC को व्यापक रूप से सराहा गया, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
समान कार्यक्रम नहीं: सभी टीमें सभी विरोधियों से नहीं खेलतीं, जिससे संतुलन की कमी रहती है।
घरेलू लाभ: घरेलू मैदानों का बड़ा लाभ टीमों को मिलता है, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।
फाइनल एक ही मैच का होता है: कई लोगों का मानना है कि टेस्ट चैम्पियन को तय करने के लिए एकमात्र मैच काफी नहीं होता।
भविष्य की दिशा
ICC ने संकेत दिया है कि WTC को आगे भी जारी रखा जाएगा। तीसरा संस्करण 2023 से 2025 के बीच खेला जा रहा है, और फाइनल 2025 में लॉर्ड्स, लंदन में प्रस्तावित है। उम्मीद है कि भविष्य में यह प्रतियोगिता और अधिक समावेशी और संतुलित होगी।
निष्कर्ष
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप ने टेस्ट क्रिकेट को नया जीवन, नई पहचान और नई प्रेरणा दी है। यह प्रतियोगिता ना केवल खिलाड़ियों को एक लक्ष्य देती है, बल्कि प्रशंसकों को भी रोमांच, प्रतिस्पर्धा और गर्व का अनुभव कराती है। ICC का यह प्रयास निश्चित रूप से टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।
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